टैल्कम पावडर निर्मिती उद्योग (Talcum Powder Industry)

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टैल्कम पावडर कहने पर हमारे आँखों के सामने आते हैं प्रसिद्ध पाँडस, हिमानी जैसी ब्रँडेड उत्पादने । पाँडस, टैल्कम पावडर जैसे ब्रँड ने देश की अधिकतर मार्केट को व्याप्त कर लिया है। पांडस पावडर दो इस नाम से ग्राहक इस उत्पादन की मांग करते हैं ।

इतनी इस ब्रँड की विश्वसनियता और प्रसिद्धी है। चेहरे पर लगाने के लिए उपयोग में लाई जानेवाली टैल्कम पावडर जैसी उत्पादने, उसके उत्तम दर्जे के आधार पर ही बाजार में बेची जा सकती हैं. प्रसिद्ध होनेवाले ब्रँड से स्पर्धा करते हुए अपना उत्पादन बेचना पड़ेगा इस दृष्टि से उससे भी अधिक अच्छे, दर्जेदार उत्पादने बनानी पड़ेगी।

सौंदर्य प्रसाधनों पर पैसे खर्च करते वक्त लोग विचार करते नहीं हर एक को हम खुद सुंदर दिखें, ऐसा लगता है। फिर वह व्यक्ति गरीब हो या अमीर हो । अपने आरोग्य की (सेहत की) चिंता करते वक्त उसपर खर्च करते वक्त पैसों का विचार किया नहीं जाता ।

भारतीय स्त्रियों को वैसे साज-शृगार करने की, नखरा करने की अच्छी-सी आदत होती है। पारंपारिक पद्धति से तैयार की जानेवाली सौंदर्य प्रसाधनों में उनके उत्पादन और बिक्री में सबसे पहला क्रमांक लगता है- वह टैल्कम पावडर का। सामान्य लोगों को आर्थिक दृष्टि से योग्य लागनेवालाऔर रोज के उपयोग में बहत दिन पर्याप्त होनेवाला  उत्पादन मतलब टैल्कम पावडर हैं। 

पावडर को कैसे उपयोग करे?

इसका उपयोग करने की पद्धति भी अत्यंत आसान है । पावडर के डिब्बे से हथेली पर पावडर लेना को और चेहरे पर लगाना ।सर्वत्र समान पावडर लगी है क्या यह देखने के लिए एक बार आईन में देखना। ऐसे जाते-जाते उपयोग में आनेवाला सौंदर्य-प्रसाधन झोपडी से लेकर अलिशान बंगले तक सभी लोगों को पसंद होता है।

गरमी का अथवा सुर्यकिरणों का प्रभाव पड़के चेहरी की त्वचा काली न हो इसलिए टैल्कम पावडर का उपयोग किया जाता था। परंतु सर्वसामान्य लोग सौंदर्य- प्रसाधन के रूप में हररोज ही टैल्कम पावडर का उपयोग करते हैं। स्त्रियाँ दिन में अनेक बार टैल्कम पावडर चेहरे को लगाती हैं।

ऐसा ढूंढकर भी घर नहीं मिलेगा कि उनके घर में टैल्कम पावडर का डिब्बा नही हैं। टैल्कम पावडर का उपयोग। आईनों के सामने, सौंदर्य प्रसाधनों की अलमारी मे अन्य कोई कॉस्मेटिक्स न हो तो चलेगा । परंतु टैल्कम पावडर यह चाहिए ही ऐसी सबकी धारना होती हैं।

घर के पुरुष वर्ग के लोग अन्य कौनसे भी सौंदर्य प्रसाधनों का उपयोग न करते हो तो भी वे काम के लिए, नौंकरी के कारण घर के बाहर पड़ते वक्त कम-से-कम चेहरे को टैल्कम पावडर लगाकर ही जाते हैं, यह वस्तुस्थिती हैं।

घमौरियों से बचाव करने क लिए छोटे बच्चों को दिन मे अनेक बार पावडर लगाने की आदत अक्सर महिलाओं को होती हैं। पुरष लोग पसीना न आयें, इसलिए अधिक पसीना आनेवाले शरीर के विविध अंगों पर टैल्कम पावडर लगाते हैं।

महिला तो जितनी बार मुँह धोयेंगी उतनी बार चेहरे को पावडर लगाती हैं । टैल्कम पावडर बनाने के लिए लगनेवाली कच्ची सामग्री से एकदम बारीक पावडर तैयार करके उसमें ग्राईडींग के वक्त सुगंध मिलाकर पावडर संभवतः छोटे-बड़े प्लॅस्टिक के डिब्बों में अपने नाम की ब्रँड होनेवाली स्टीकर्स लगाकर पैकींग करके बिक्री के लिए लाई जाती हैं।  

टैल्कम पावडर बनाने के लिए कानुनी मंजूरी।

सौंदर्य- प्रसाधन उत्पादन शुरु करने के पूर्व ड्रग अँड कॉस्मेटिक अॅक्ट 1940 के अनुसार मंजूरी लेनी पड़ेगी टैल्कम पावडर बनाने का फॉर्मुला विशेषज्ञों से बनवाकर लीजिए।

पावडर बनाने  के बाद कैसे मार्केटिंग करे।         

देश का हर मनुष्य टैल्कम पावडर का ग्राहक हैं । किराना माल की दुकाने, सौंदर्य-प्रसाधनों की दूकानें, दवाईयों की दूकाने, मॉल्स, बझार, प्रदर्शने, स्टेशनरी दूकानें, ब्युटी पार्लर्स ऐसी सभी जगहों पर टैल्कम पावडर का ग्राहक होता हैं।

ब्युटी पार्लर्स, जेन्टस सलून इन जगहों पर पावडर का सबसे अधिक उपयोग होता हैं। डोअर टू डोअर मार्केटींग में टैल्कम पावडर की अच्छी बिक्री होने के कारण देहातों और शहरी भाग में उत्पादन डोअर मार्केटींग द्वारा बेचने के लिए बिक्री प्रतिनिधी की नियुक्ति कीजिए।

पावडर बनाने के लिए रॉ मटेरियल :

 जिस फ्लेवर की टैल्कम पावडर तैयार करनी हैं उन फूलों सुगंध, टिटॅनियम डाय ऑक्साईड, झिंक ऑक्साईड, कॅश्लियम कार्बोनेट, सोपस्टोन ऐसा कच्चा माल लगेगा।

पावडर बनाने के लिए मशीनरी :

अॅटोमेटीक बड़ा ग्राईंडर, मिक्सर, फिल्टर छननी, पैकींग मशीन और अन्य उपकरने आदि मशीनरी की आवश्यकता होती हैं।

FAQ

Q.1 टैल्कम पाउडर से जुड़े स्वास्थ्य प्रभाव क्या हैं?

  • शिशुओं में श्वसन संबंधी समस्याएं। टैल्कम पाउडर छोटे-छोटे कणों से बना होता है जो सांस के जरिए अंदर जा सकते हैं और फेफड़ों में जलन पैदा कर सकते हैं।
  • सामान्य श्वसन संबंधी समस्याएं।
  • अस्थमा और निमोनिया।
  • फेफड़ों का कैंसर और पुरानी सांस की समस्याएं।
  • अंतर्गर्भाशयकला कैंसर।
  • अंडाशयी कैंसर।

Q.2 टैल्कम पाउडर का व्यावसाय शुरू करने के लिए कितने पैसो कि आवश्यकता पडती है?

टैल्कम पाउडर का व्यावसाय शुरू करने के लिए हमे 2 से 3 लाखँ रुपयों कि जरुरत पडती है ।

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