प्लास्टिक बोतलें निर्मिती का उद्योग (Plastic Bottle Manufacturing Industry )

Rate this post
प्लॅस्टिक की खोज लगाने से लेकर दैनिक जीवन में उपयोग में आनेवाली हर चिजें आज प्लॅस्टीक से तैयार की जाती हैं । प्लॅस्टिक का उपयोग औद्योगिक और अन्य क्षेत्र में बढ़ने से प्लॅस्टिक उत्पादनों की आज बहुत माँग हैं ।

 कुर्सियाँ, मेजें, फर्निचर से लेकर रसोईघर के बैठने तक हर चीज प्लॅस्टिक की बन रही हैं। दिखने में आकर्षक, उपयोग करने में आसान, वजन में हलकी और कीमत से सस्ती होने के कारण प्लॅस्टीक की चींजे ग्राहकों को पसंद पड़ रही हैं। प्लॅस्टिक उत्पादनों में से ही एक उत्पादन हैं प्लॅस्टिक की बोतलें ।

आधुनिक तंत्रज्ञान के आधार पर स्ट्रेच ब्लो मोल्डेड पद्धति से बोतलें तैयार की जाती हैं। पॉलीव्हिवाईल क्लोराईड और पॉली एथिलीन टेरीथेलेट इन पदार्थो का उपयोग स्ट्रेच ब्लो मोल्डेड पद्धति से किया जाता हैं।

भारत यह विकसनशील देश हैं, विकसित देशों में इन बोतलों को सर्वत्र माँग होने से भारत में इस स्ट्रेच ब्लो मोल्डेड प्लॅस्टिक बोतलों को बहुत-सी माँग हैं । अत्यंत पारदर्शक, विघटन-प्रतिरोधक, क्षार और गैस प्रतिबंधक और मजबूत होने से बीईटी बोतलों को शीतपेये और ब्रेवरेज पैकेजींग के लिए सबसे अधिक माँग हैं।

 पीईटी पीपी और पीव्हीसी बोतलों को लगनेवाला कच्चा माल हमारे देश में ही मिलता हैं। पॉलीमर इस कच्चे माल से ये बोतलें तैयार होती हैं। यह प्लॅस्टिक उपयोग में लाकर फेंककर देने के बाद भी उसका रुपांतरीत नया स्वरुप तैयार कर सकते हैं।

 रिसायनकलींग होने के कारण कच्ची सामग्री की कमी महसूस नहीं होती । प्लॅस्टिक इंडस्ट्रीज में तज्ञों की सलाह से, अनुभव से और तज्ञ विशेषज्ञों ने बनाए हुए फॉर्मुलो के आधार पर तैयार की जाती हैं। रासायनिक प्रक्रिया होनेवाला उद्योग होने से प्रकल्प शुरु करने के पूर्व उसकी जगह निवासी बस्तीयों से दूर हो ।

 तज्ञ विशेषज्ञों से फॉर्मुला तैयार करके कुशल मनुष्य बल से उत्पादन तैयार करके लिजीए । रासायनिक उद्योगों के लिए सरकार के नियम अत्यंत कठोर होनेसे सभी नियमो का पालन करके कानूनी मंजूरी लेकर तज्ञों के अधिकार में उत्पादन की शुरुवात कीजिए ।

 प्लॅस्टिक का उपयोग सौद्य प्रसाधनों का पैकींग करने के लिए, खाद्यतेलों का पैकींग करने के लिए, रंग और शीतपेयों के पैकींग के लिए सबसे अधिक होता हैं। प्राचीन काल में लोहे के कंटेनर्स माल की यातायात करने के लिए थे, उसकी जगह आज प्लॅस्टिक के कंटेनर्स ने ली हैं ।

 मनुष्य के दैनिक-जीवन में हर क्षेत्र में प्लॅस्टिक का उपयोग भरपूर हो रहा हैं । कोल्ड्रिंक्स, बिअर, खाद्यतेलें इनका पैकींग तो बडे पैमाने पर प्लॅस्टिक के बोतलों में से ही होता हैं। ब्रेवरीज में कोल्ड्रींक्स से लेकर बिसलरी अॅकवा पानी के पैकींग के लिए भी प्लॅस्टिक के बोतलों का उपयोग किया जाता हैं।

 हम पानी पीकर, कोल्ड्रींक्स पीने के बाद इधर उधर बिखरी बोतलें हमेशा ही देखते हैं । भंगारवाले इन बोतलों को जमा करके कबाड़ी को बेचते हैं। वहीं बोतलें रिसायकलींग होकर फिर से नई होकर बिक्री के लिए उपयोग कि जाती हैं। खाद्यतेलो के अधिकतर पैकींगो के लिए प्लॉस्टिक बोतलों का ही उपयोग किया जाता हैं ।

वनस्पती घी, स्क्वॉश, जाम, शरबत आदि पेयें, वाहनों की महँगीऑईल्स, यह सब आज प्लॅस्टिक बोतलों में से ही बिक्री के लिए आते हैं । प्लॅस्टिक बोतलें तैयार करने का प्रकल्प यह वैसे आर्थिक और औद्योगिक दृष्टि से बड़ा प्रकल्प होता हैं। यहाँ इनकी संक्षिप्त जानकारी हैं ।

 तज्ञ- विद्वानों की सलाह से, विशेषज्ञों के मार्गदर्शन से प्रकल्प शुरु किजिए । आर्थिक सहायता के साथ ही, बाजार का अच्छा अध्ययन करके नफे-नूकसान का पूरा अंदाजा लेकर प्रकल्प शुरु किजिए।

मार्केट :

प्लॅस्टिक बोतलों के लिए सबसे बड़ा ग्राहक शीतपेये और खाद्यतेलें उप्तादक हैं। प्रत्यक्ष ऐसे उत्पादकों से मिलकर उनके माल के पैकींग के लिए आवश्यक डिझाईनों की बोतलें तैयार करके दे सकते हैं। दुग्धजन्य उत्पादने, औषध-निर्माते, सौंदर्य प्रसाधने उत्पादकों को भी माल दे सकते हैं। पानी की बोतलों के रुप में स्टेशनरी दुकानों मे बिक्री कर सकते हैं । ब्रेवरीज कंपनी के मॉडेल के अनुसार उत्पादन करके माल दे सकते हैं।

रॉ मटेरियल :

पॉलीमर्स, कच्चे प्लॅस्टिक, पी.व्ही.सी., पीईटी, पॉलिएथिलीन, रासायनिक रंग आदि।

मशीनरी :

स्ट्रेच ब्लो मोल्डींग मशीन, इंजेक्शन मोल्डींग मशीन, जलशीतलीकरण यंत्र, एक्सट्रयुजन मशीन, लिफ्टींग मशीन, स्क्रैप कटर मशीन आदि मशीनरी जरुरी हैं।

Leave a Comment