नॉयलॉन/प्लास्टिक बटण निर्मिती उद्योग (Nylon / Plastic Button Manufacturing Industry)

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बटन्स हम सबको ही मालूम है। शर्ट, पैंट, छोटे बच्चों के कपड़े , महीलाओं  के रेडिमेड कपड़ें, ब्लाऊज, इनके लिए प्लॅस्टिक के बटनों की जरूरत होती हैं। हमारे देश की जनसंख्या बहुत है, तो इतनी बड़ी जनसंख्या को उस प्रमाण में ही कपड़ों की जरूरत होगी।

कपड़ों को लगनेवाले बटन्स् तैयार करके रेडिमेड कपड़े तैयार करनेवाले उत्पादकों को वह बटन्स देने का उद्योग शुरु किया तो अच्छा फायदा मिलता है। प्लॅस्टिक की बटन्स् तैयार करने की इलेक्ट्रीक स्वयंचलीत अंटामेटीक मशीनरी मिलती हैं।

 छोटे प्रमाण में उद्योग शुरु करने का हो तो हंँड मोल्डेड मशीनरी बाजार मे उपलब्ध नॉयलॉन अथवा अॅक्रेलिक के बटन्स यह अॅटोमेटीक मशीन के माध्यम से तैयार किए जाते हैं। प्लॅस्टिक मोल्डींग मशीन द्वारा पी.एफ और यु. एफ बटन्स भी तैयार किये जाते हैं।

इंजेक्शन मोल्डींग, कम्प्रेशन मोल्डींग के माध्यम से प्लॅस्टिक बटन्स तैयार किए जाते हैं। अॅक्रेलिक बटन्स् तैयार करने के लिए लगनेवाला कच्चा माल, हमारे देश में नहीं मिलने से परदेश से आयात किया जाता है। पॉलिस्टर नॉयलॉन बटन्स तैयार करने के लिए लगनेवाली मशीनरी भारत में उपलब्ध हैं।

नॉयलॉन के,अॅक्रेलिक के पत्रों की शीट लेकर बटन के आकार के टुकडे किए जाते हैं। डिझायनींग यंत्रों की सहायता से उन्हें जैसा चाहिए वैसा आकार दिया जाता हैं। उनसे बटन को छेद बनाकर बटनों की चमक लाने के लिए बटनों को बड़े ड्रम में डालकर उनका पॉलिशिंग किया जाता है।

 कम्प्रेशन पद्धति के माध्यम से प्लॅस्टिक के बटन्स तैयार करने के लिए मोल्डींग बैरल में कच्चा माल डालकर हिटर के माध्यम से उसे उष्णता दी जाती हैं। जिस आकार की, डिझाईन की बटनें तैयार करनी हो उसके अनुसार मल्टी कॅव्हीटी मोल्ड फिट किए जाते हैं।

अटोमेटीक मशीन शुरु करने से कच्चा माल मोल्डींग साचे में जाकर फिट किए हुए नापके अनुसार डिझाईन के अनुसार बटन्स तैयार होते हैं। हँडमोल्डींग मशीनरी के माध्यम से बटने तैयार करने के लिए जिस रंग की बटनें तैयार करनी है, उस रंग की गोलियाँ लेकर साचे में वह गोलियाँ फेंक दिजिए ।

 डाय को उष्णता देने के बाद जितनी बटन्स तैयार करनी है, उस प्रमाण में प्लॅस्टिक की गोलियाँ गरम हुए डाय में डालते जाओं। आपको जिस प्रकार की डिझाईन में चाहिए, उस प्रकार की डिझाईन में बटनें तैयार होते जाएँगे ।

कम-से-कम रकम में और छोटी जगह में, घर में भी शुरु कर सकनेवाला उद्योग हैं। प्लॅस्टीक के बटन अथवा कच्चा माल खराब न होने से बटने तैयार करने के उद्योगों में नुकसान की संभावना नहीं होती।

 फैशन के आधुनिक जमाने में फॅन्सी माल को अधिक माँग होने से रंग-बिरंगे, विविध आकर्षक डिझाईन की बटनें तैयार करने का व्यवसाय आपके सारे परिवार को रोजगार प्राप्त करके देता हैं।

मार्केट :

प्लॅस्टीक के बटनों का सबसे बड़ा ग्राहक मतलब गारमेंट उद्योजक हैं। जहाँ रेडिमेड कपडे तैयार किए जाते हैं, ऐसे फर्मस्, कंपनियों में जाकर उनके पास जिस डिझाईन की कपड़े तैयार की जाती हैं, उन्हें सुट होनेवाली रंग-बिरंगी आकर्षक डिझाईन की बटनें तैयार करके कपड़े उत्पादकों को दो ।

 उनके कंपनी फर्म में जाकर उन्हें आकर्षक नमुने में संपल्स दिखाकर उनसे ऑर्डर लेकर उन्हें जैसी चाहिए वैसी डिझाइन की बटने तैयार करके दो।

 इसके साथ ही बटनों के होलसेल व्यापारी, रिटेल व्यापारी, टेलरिंग (दर्जी की) दुकाने, स्टेशनरी दुकाने, छोटे-बड़े जनरल स्टोअर्स , सुपर मार्केटस्, कटलरी की दुकाने इन्हे बटनें दे सकते हैं। बटने बेचने के लिए शॉप टु शॉप मार्केटींग खुद करो । अथवा बिक्री प्रतिनिधी नियुक्त करो।

रॉ मटेरियल :

नॉयलॉन, अॅक्रेलिक, पॉलिस्टर, तैयार शीटस्, प्लॅस्टीक की रंगीन गोलियाँ, पॅराफीन व्हॅक्स, पिगमेंट, पी.व्ही.सी. रेजीन, फिलर्स, स्टेव्हलायझर, प्लॅस्टीसाईजर आदि कच्चे माल की आवश्यकता है।

मशीनरी :

इंजेक्शन मोल्डींग मशीन, मल्टी कॅव्हेंटी मोल्डस, ड्रिलींग मशीन, हंँडमोल्डेड मशीन, ऐसी यंत्रसामग्री और उसके मेंटेनन्स के लिए लगनेवाले औजार और अन्य साधन ऐसी साधन-सामग्री जरुरी होगी।

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