प्रिंटींग प्रेस उद्योग ( How to start printing press business )

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प्रिंटींग प्रेस मतलब सभी प्रकार के कागजातों पर छपाई करनेवाला मुद्रणालय। बाजार के मंदी का परिणाम संभवत: इस व्यवसाय पर न होने से बारह महिने चलनेवाला यह व्यवसाय हैं। व्यवसाय का विस्तार कितना बड़ा हैं इसकी मर्यादा पर उद्योगों कच्चा माल, मशिनरी, जगह, इमारत की पुरी लागत तय होगी। छोटे और बड़े दो स्वरूप में यह व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। आठ से नौ इंच के कागज पर छपाई कर सकते हैं ऐसी दो बाय दस बाय दो आकार की पचास से सत्तर किलो वजन की छपाई मशिन मिलती हैं।

प्रति घंटा चार सौ से पाँच सौ नगों की (क्वाँटिटी की) इस छोटे मशिन पर छपाई कर सकते हैं। ग्रामीण भाग में कम भांडवल में (पैसो में) उद्योगों की शुरुवात करने के लिए नवउद्योजक बेरोजगारों के लिए छोटी प्रिंटींग प्रेस का व्यवसाय फायदेमंद होता हैं। ग्रामीण भाग की पतसंस्थाएँ, ग्रामपंचायत, डेअरियाँ, सोसायटी इन्हें भी बडे प्रमाण में छपाई स्टेशनरा लगती हैं।

उन्हें जो चाहिए वह स्टेशनरी बारह ही महिने उन्हें छापकर दे सकते हैं। इसके साथ ही व्यापारियों को लगनेवाली लेटरहेड, व्हिजीटिंग कार्डस्, पाकिटे (लिफाफे), हँडबिलस् जैसी स्टेशनरी छापकर दे सकते हैं। बिल–बुक्स,इसके साथ ही ग्रामीण भाग के लोगों को निमंत्रण (शादी का) कार्ड, विविध कार्यक्रमों के विज्ञापन के लिए लगनेवाली पेपर पाम्पलेटस् आदि स्टेशनरी छाप सकते हैं।

बेरोजकार युवकों के लिए यह एक अच्छा व्यवसाय हैं। स्पर्धा कम होने से उद्योग में व्यावसायिक धोखा कम हैं। आप जहाँ उद्योग शुरू करनेवाले हैं उसके आसपास औद्योगिक वसाहत हो तो, शहरीकरण हुआ हो तो, बाजारपेठ हो तो, शो-रूम्स, मॉल्स्, दूकानों की अधिकता हो तो अथवा स्कूल महाविद्यालयों जैसी भरपूर शैक्षणिक संस्था हो तो आप बडी प्रेस लगाओ। एक से दो लाख भांडवल में ऐसी प्रेस शुरू कर सकते हैं।

बडी प्रेस में छपाई और उसके बाद की प्रक्रिया में तीन मुख्य भाग होते हैं। वह मतलब कंपोझिंग, प्रिंटींग और बायडींग। कंपोझिंग मे सबसे पहले जिस जानकारी की छपाई करनी है वह जानकारी कंपोझ करके लीजिए। फौंड्री में कंपोझिंग के लिए लगनेवाले शिशे के टाईप तैयार करके दिए जाते हैं।

यह टाईप तैयार करके कंपोझ किये जाते हैं। उसके बाद प्रुफरिडींग करके छपाई की जाती हैं। कंपोझिंग की हुई जानकारी लेटरप्रेस, ऑफसेट अथवा ट्रेडल द्वारा छापी जाती है। प्रिंटींग हुए जानकारी के कागज को चाहे जैसे आकार के अनुसार कटींग करके प्रेस मशीन, सुईंग मशिन द्वारा बायडींग किए जाते हैं।

प्रिंटींग प्रेस में का बायडींग यह अत्यंत महत्त्वपूर्ण व्यावसायिक भाग हैं। आपका बायडींग अच्छे दर्जे का हो तो ही आपको ऑर्डर्स मिलते हैं। बायडींग के लिए परफोरटींग मशिन, सुईंग मशिन, कटिंग मशिन, प्रेस मशिन ऐसी यंत्रसामुग्री लगती हैं। इसके साथ ही तकनीकी व्यवसाय होने से बाईंडर, कंपोझिटर, प्रेसमन इन जैसे प्रशिक्षित मजदूरों की आवश्यकता हैं।

मार्केट :

स्थानिक के स्कूल महाविद्यालयों के प्रमुखों से मिलकर उन्हें जो चाहिए वह विविध नमुने की स्टेशनरी छापकर दो। डेअरियाँ, सोसायटी, पतसंस्था, महिला मंडले, बचत गट, भिशी मंडल, संस्था ट्रस्ट उनके प्रमुखों से मिलकर उनकी छपाई के काम करके दे सकते हैं। शादी के कार्ड, निमंत्रण-कार्ड, व्हिजीटींग कार्डस् छापकर देंगे ऐसा आपके प्रेस का विज्ञापन सर्वत्र करो।

खुद स्थानिक के व्यापारियों से मिलकर उन्हें लगनेवाली स्टेशनरी, व्हीजीटींग कार्डस्, हँडबिल्स लेकर रसीद बुक तक की छपाई की ऑर्डर प्राप्त करो। आपके प्रेस के नजदीक होनेवाले औद्योगिक वसाहतों को भेंट देकर वहाँ से कंपनी, कारखाने के उस विभाग में प्रमुख व्यक्ति को मिलकर उनके कारखाने का छपाई काम प्राप्त करो।

रॉ मटेरियल :

मोनो, बोल्ड-पायका, १२ पॉईंट ऐसा छपाई की शिशे का विविध भाषा में के टाईप कीलें, रबर शीट, अच्छे दर्जे की रंगीन स्याही, हाथौडी जैसी छोटी-बड़ी औजारे, कंपोझिंग स्टीक, गम (गोंद), सरस गोंद (डिंक), टाईप रखने के केसेस आदि कच्चा माल लगेगा।

मशिनरी :

ट्रेडल मशिन, लेटर प्रेस, ऑफसेट, सुईंग मशिन, प्रेस मशिन, कटिंग मशिन, परपोरेटिंग मशिन आदि मशिनरी लगेगी। कच्चा माल और मशिनरी के लिए रॉ मटेरियल/मशिनरी गाईड में पते दिए हैं।

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