स्टेपलपीन निर्मिती-व्यवसाय ( How to Setup Stapler Pin Manufacturing Business? )

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कार्यालयीन कामकाजों के लिए स्टेपलपीन का उपयोग करते ही हैं। परंतु आधुनिक जीवनमान और सुशिक्षितों का प्रमाण बढ़ने से आजकल हर घर में स्टेपलपीन का उपयोग जरुरत के अनुसार कामकाज के लिए किया जाता है। इसी कारण उत्पादित माल को हमेशा ही बाजार उपलब्ध हैं। कम भांडवल में बारहों महिनें उद्योग, हमेशा ही माँग होनेवाला उत्पादन हैं।

नूकसान की संभावना न होनेवाला यह व्यवसाय नवउद्योजक बाजार का अध्ययन करके जरुर चुनें । स्टेपलपीन्स अलग अलग धातुओं से तैयार की जाती हैं। तांबे के अथवा स्टेनलेस स्टील के तारों से तैयार की जाती हैं।

ताँबे के अथवा स्टेनलेस स्टील के तारों से तैयार की हुई स्टेपलपीन को बाजार में अच्छी माँग हैं। स्टेपलपीन तैयार करने के ॲटोमेटिक स्टेपलपीन मेकींग मशीन, मशिनरी बेचनेवाले व्यापारियों के पास अधिकतर सभी बड़े शहरों में मिलते हैं। जिस धातु से स्टेपलपीन तैयार करने के हैं उसके तार के टुकडे ॲटोमेटीक मशीन में डाले जाते हैं। जिस आकार की, साईज की स्टेपलपीन तैयार करनी हैं, उसकी साईज अॅटोमेटीक मशिनपर सेट की जाती हैं। सेट किए हुए समय के अनुसार मशीन में तार आगे सरकती हैं। और तैयार किए हुए स्टेपल पीन्स् मशीन के गोंद लगाने के भाग में आगे सरकती हैं। छोटी-छोटी तैयार हइ पीनों को वहाँ गोंद लगती हैं और पैकींग के लिए पीन्स तैयार होती हैं।

स्टेपलर्स और स्टेपलपीन का उपयोग संभवतः सभी ही निजी और सरकारी कार्यालयों में होता ही है। हर ऑफीस और कार्यालय के लिए जैसे पीनों की जरुरत होती हैं. वैसे ही सभी प्रकार के कार्यालयों को स्टेपलर और स्टेपलपीन्स की जरुरत होती हैं। एक ही संदर्भ के विविध कागजात एकत्रित रखने के लिए स्टेपलपीन मारकर कागज एकत्रित रखे जाते हैं। सिर्फ पीन लगाकर कागज रखने पर संभवतः पीन निकल सकती हैं। परंतु स्टेपल पीन स्टेपल करने के बाद प्रेस करने से पीन्स अपने आप लॉक होती हैं

इसी कारण स्टेपलद्वारा पीनिंग करने के बाद संभवतः कागजात अस्त-व्यस्त नहीं होते। वैसे ही स्टेपलर्स द्वारा पीनिंग करना अत्यंत आसान और सुविधाजनक होने से ही सर्वत्र स्टेपलर्स और पीनों का उपयोग किया जाता है। एक बार स्टेपलर्स खरीद लेने पर वह बार- बार खरीदना न पड़कर एक स्टेपलर सालों साल चलता हैं। उसे सिर्फ जरुरत के अनुसार पीन्स् खरीदनें पड़ते हैं। एक माचिस जैसे छोटे बॉक्स में पाँच सौं से एक हजार पीनों के पॅडस बैठ सकते हैं।

स्टेपलर्स पीन के ऐसे बॉक्सो की कीमत भी दस से पंद्रह रुपये ही होती हैं। विविध कार्यालयों में स्टेपल पीन्स् का उपयोग होता ही हैं, परंतु कंपनी, कारखानें, औद्योगिक सभी प्रकार की उद्योगों की कार्यालयें, स्कूल महाविद्यालये, सभी प्रकार के व्यापारी इन्हें भी स्टेपलपीन की जरुरत होती हैं। इसी कारण स्टेपलपीनों को सभी क्षेत्रों में अच्छी माँग होने से छोटी-सी जगह में यदि यह व्यवसाय शुरु करके खुद ही मार्केटींग किया तो दोगुना फायदा मिल सकता हैं।

स्टेपलपीन तैयार करने का ट्रेनिंग स्टपलपीन मशीन बेचनेवाले वितरक वैसे ही मशीनरी के उत्पादक भी देते हैं। ॲटोमेटीक मशीनरी होने से माल तैयार करना वैसे बहुत-सा कठीन नहीं हैं। मशीनरी जिनसे खरीद करनी हैं उनका बिक्री प्रतिनिधी अथवा मशीन का तंत्रज्ञ आपके पास मशीन की जोड़ करते वक्त आपको पिन्स् कैसी तैयार की जाती हैं, इसकी जानकारी देता हैं।

थोड़े से अनुभव से भी आपको उत्पादन कैसे करते हैं, इसकी जानकारी मिल सकती हैं। जिनके पास खुद का मार्केटींग का अधिकतर ज्ञान है ऐसे उद्योग-व्यवसाय के खोज में होनेवाले लोगों ने इस व्यवसाय का अवश्य अध्ययन करना चाहिए।

मार्केट :

स्टेशनरी और कटलरी के व्यापारी इनके पास स्टेपलपीनों की सबसे अधिक बिक्री होती हैं। स्टेपल पीन्स बेचनेवाले होलसेल व्यापारी और वितरक भी हैं। उन्हें जो चाहिए उस साईज के माल का उत्पादन हम उनसे ऑर्डर लेकर उन्हें दे सकते हैं। उसके साथ ही व्यापारी संस्था, दुकानदार, ऑफीसेस, कंपनियाँ, कारखाने, बैकों इन स्थानों पर प्रत्यक्ष जाकर उन्हें बिक्री करने आयेगी। बिक्री प्रतिनिधी नियुक्त करके डोअर मार्केटींग, शॉप टू शॉप, ऑफीस टू ऑफीस मार्केटींग किया तो सबसे अधिक माल की बिक्री होगी।

रॉ मटेरियल:

स्टेनलेस स्टील का कोटींग किया हुआ तार, ताँबे की तार, गोंद, पॉलिशिंग टेबल. पैकीग के छोटे बॉक्स आदि कच्चा माल लगेगा।

मशीनरी :

डाय फॉर क्लिप्स्, अॅटोमेटीक स्टेपल पीन मेकींन मशीन, पॉलिशींग ड्रम, आदि मशीनरी लगती हैं।

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