प्रत्येक घर में लगनेवाली अत्यावश्यक चीज मतलब बर्तने हैं। गरीब हो या अमीर बर्तनों के बिना घर नहीं है। मनुष्य के रोजाना जरुरतों की पूर्ति करते वक्त उपयोग में लाई जानेवाली बर्तनें होने से घर, होटल, भोजनालय, कार्यालयें इन स्थानों पर छोटे-बड़े बर्तनों की आवश्यकता होती ही हैं।
हर एक को पानी पीने के लिए, भोजन के लिए, नहाने के लिए, भोजन तैयार करने के लिए बर्तनों की आवश्यकता होती ही हैं । पचास साल पहले ताँबे के और पीतल के बर्तन दैनिक उपयोग के लिए प्रचलित थे । इसके बाद अॅल्युमिनियम के बर्तन उपयोग में आए। परंतु बिछले बीस-पच्चीस सालों से स्टेनलेस स्टील के बर्तन अधिक लोकप्रिय हुए।
पीतल के, ताँबे के, अॅल्युमिनिअम के कच्चे मालों की कीमतें बढने से उनसे बनाई हुई बर्तनें भी महँगी हो गई हैं। पीतल के और ताँबे के बर्तनों पर हवामान का परिणाम होकर उन बर्तनों पर दाग पडते थे इसलिए उन्हें बारबार धोकर घीसकर चकचकीत रखना पड़ता था। काल के चपेट में ऐसे बर्तनों का जमाना गया और स्टील के बर्तनों का जमाना आया।
स्टेनलेस स्टील की बर्तनें लोकप्रिय होने का सबसे महत्त्वपूर्ण कारण मतलब वह बर्तनें दिखनेवाले को बहुत आकर्षक, और स्वच्छ दिखाई देती हैं। अन्य धातुओं की तुलना में स्टील सस्ता होने से बर्तनें खरीदते वक्त सस्ते में खरीद सकते हैं । बर्तनें धोने के पावडर से, साबुन से अथवा राख से; मिट्टी से यदि बर्तनें माँझ ली तो एकदम स्वच्छ होती हैं।
उपयोग करने के लिए, इस्तेमाल के लिए आसानी होने से ही गरीबों से लेकर अमीरों तक सभी लोग आज स्टेनलेस स्टील बर्तने खरीदने को प्राधान्य देते हैं। स्टेनलेस स्टील बर्तनें वैसे आसानी से खराब नहीं होते, बहुत दिन उनका उपयोग न करते हुए रखा तो उनका रंग, चमक नहीं जाती।
धोने के बाद सिर्फ धूप में सुखाया तो उनपर दाग पडतें नहीं। उष्मा, (दमट) नमी की हवा का उसपर कोई भी परिणाम नहीं होता। स्टेनलेस स्टील बर्तनों की दिनोंदिन माँग बढती ही रहने से बर्तन निर्मिती उद्योगों मे नवउद्योजकों को अच्छे मौके हैं।
आर्थिक नियोजन, जगह और कुशल मजदुरों को इकट्ठा करके इस उद्योग में सेटल (स्थिर) हो सकते हैं। वसाय में व्यावसायिक स्पर्धा यदि हो तो भी अच्छे दर्जे का माल लेकर बाजार में प्रवेश किया तो अपने धंदे में स्थिरता (सेटलमेंट) लाने के लिए बहुत कोशिश करनी नहीं पड़ेगी। वर्तन निर्मिती उद्योग वैसे भांडवली व्यवसाय है
उत्पादन और वितरण व्यवस्था इनका समन्वय करके व्यवसाय में अगला लक्ष्य तय कर सकते हैं । औद्योगिक वसाहतों में प्लॉट लेकर वहाँ बर्तन निर्मिती प्रकल्प शुरू किया तो औद्योगिक महामंडल की सुविधाएँ और सहुलियतें मिलती हैं। बाजार में होनेवाली स्टेनलेस स्टील की बहुत-सी उत्पादने भी फलाना एक ब्रँड देखकर बर्तनें खरीदनें के कारण आप भी अपने उत्पादन का एक ब्रँड और ट्रेडमार्क बनवाकर बाजार में प्रवेश कीजिए।
स्टेनलेस स्टील उद्योगों मे संसार उपयोगी बर्तनों का और बीजों का उत्पादनं अधिक होता हैं। वैसे उन्हें भी माँग हैं। इसलिए उद्योग की नई शुल्वात करते वक्त संसारोपयोगी बर्तनें तैयार करने का प्रकल्प फायदेमंद साबित हो सकता हैं।
Table of Contents
मार्केट :
घर घर में बर्तनें खरीद लिए जाते हैं। पुराने बर्तन खराब होने पर उनको देकर नई बर्तनें लाई जाती हैं। बर्तनों के होलसेल व्यापारी हैं, उनकी माँग के अनुसार निश्चित नमुने के बर्तनें बनावकर दे सकते हैं। ग्रामीण और शहरी भागों में तो बर्तनों की दुकानें होती हैं। बिक्री-प्रतिनिधी नियुक्त करके रिटेल बर्तन बिक्रेताओं की ओर से ऑर्डर लेकर अपने वाहनों मे से उनकी माँग के अनुसार माल की आपूर्ती कर सकते हैं
सप्ताह-बाजार में भी बर्तन बिक्रेते माल ब्रिकी करते हैं। वैसे ही घर-घर घूमकर बर्तनों की बिक्री करनेवाले परिवार होते हैं। उन्हें माल दे सकते हैं। होटल, भोजनालयें, ढाबे कार्यक्रमों को बर्तनें देनेवाले-व्यावसायिक इन्हें भी जो चाहिए उस आकार के नमुने के बर्तनें दे सकते हैं।
रॉ मटेरियल :
२० से २५ टनी ड्रॉईंड प्रेस, गिलेटीन शिअर, डाईज, स्टेनलेस स्टील शिटस्, बायर आदि कच्चा माल लगेगा।
मशिनरी :
रिव्हेटींग मशिन, पॉलिशिंग मशिन, गैस वेल्डिंग, आर्क वेल्डिंग, टुल्स, डाईज, स्पीनिंग लेथ आदि मशिनरी लगेगी।
हमे स्टील और बारास फुल के थाली लोटा कुकर मिक्सर स्टील का जग आदि होलसेल के लिए चहिए
स्टील ब्रास और फूल के बर्तन गांव खेड़े के लिए चाहिए उत्तर प्रदेश डुमरियागंज सिद्धार्थनगर