इस व्यवकव्हर्स की आवश्यकता होती हैं। शहर मे जनसंख्या का प्रमाण अधिक होने से अपनी गाडी सुरक्षित रहे इसलिए हर गाडी ढँककर रखने के जगह कम होती हैं। वहाँ घर में गाडी लगाने के लिए जगह कहाँ से उपलब्ध होगी ?
शहर के अधिकतर लोग फ्लॅट-अपार्टमेंट मे रहते हैं। ऐसी बहुमंझिली इमारतों में हर एक की गाडी बिल्डींग के पार्किंग में लगाई जाती हैं। ग्रामीण भाग में रात के समय अथवा जब वाहन उपयोग में नहीं तब अपनी गाडी सुरक्षित रहे, गाडी पर छोटे बच्चों ने स्क्रॅचेस मारकर गाडी की तोडफोड न करे, गाडी के सीट के कव्हर्स कोई फाड न डाले इसलिए हर वाहन धारक को गाडी को कव्हर्स डालकर ढँककर रखना पडता हैं । वाहनों की कीमतें भी हजारों लाखों रुपये होने के कारण गाडी को ऊपर से कव्हर डालकर ढँककर रखते हैं।
इसी कारण गाडी के कव्हर्स को बारहों महिने माँग होती हैं। वाहनों के कव्हर्स तैयार करने में कह के उद्योगों के साथ उसे रॉ-मटेरियल में से अथवा धोडे से कम-अधिक फर्क से वॉटरप्रुफ कपडा कच्चे माल के रूप में खरीदकर रेनकोट तैयार करने का जोड-धंदा भी कर सकते हैं। रेनकोट आदि संभवत: रिझनेबल ही बेचा जानेवाला उत्पादन होने से बारिश के ऋतु (वर्षा-ऋतु) के पहले उसका उत्पादन करके रखके वर्षा ऋतु के आरंभ में बिक्री करनी पड़ती हैं।
उत्पादन कहाँ बेचने का हैं। यह तय करके उस परिसर में कौन- कौन सी कंपनियों की, कौन-से आकार की, कौन-से मॉडेल्स को ज्यादा मार्केट हैं, इनमें से कौन-से मॉडेल्स अधिक हैं यह देखकर उत्पादनें तैयार कीजिए। एक ही आकार सक की परंतु अलग-अलग कंपनियों की मॉडेल्स् होनेवाली कारें रास्ते पर दौडती हुए दिखाई देती हैं । धोडी-सी फ्री साईज कव्हर्स तैयार की तो एक ही कव्हर बहुत-सी कंपनियों के मॉडेल्स को बैठ सकता हैं।
गाडीयों के कव्हर्स बनाते वक्त विविध आकर्षक रंग के पसंदी के रंगसंगती के कव्हर्स दे सकते हैं। गाडीयों के कव्हर्स तैयार केहि करने के लिए, थोडा-सा कटींग-फिटींग करने का प्रशिक्षण लेकर व्यवसाय कर सकते । एक अकुशल और एक कुशल (निपुण) मजदूर इतना मनुष्य बल लगेगा। वैसे ही इस व्यवसाय को जोड व्यवसाय के रूप में बरसाती वॉटरप्रुफरेनकोट भी तैयार कर सकते हैं।
कपडे सीनेवाले दर्जी जिस पद्धति से कपडा कींग करते हैं। उस कृति के अनुसार धोडा-सा फ्री साईज वॉटरप्रुख कपड़ों का कटींग कीजिए। माँग के अनुसार छोटे-बड़े के लोगों को लगनेवाले रेनकोटस बनाने के लिए उस प्रकार के कींग डिझाईन्स कीजिए।
आपके पास होनेवाले शीटस् आकार के अनुसार कटींग करके, हॉट सिलींग मशिन की सहायता से जैसी डिझाईन और साईज होगी उसके अनुसार सिलाए । रेनकोट की खरीद ग्राहक बारिस से बचने के लिए, बारिश में हम न भीगे, कपडे न भीगे इसलिए करते हैं ।
इसलिए रेनकोट का उत्पादन करते वक्त उसके वॉटरप्रुफींग की भी खबरदारी लेनी पडती हैं । वॉटरप्रुफींग यह व्यवसाय की सफलता की बुनियाद हैं । रेनकोट उसके डिझाईन और साईज के अनुसार सिने के बाद हिट-प्रोसेस पद्धति से उसे चेन और बटन्स् लगाईएँ। तैयार रेनकोटस् पैकिंग करके मार्केटींग के लिए लाईए ।
थोडे-से प्रशिक्षण के बाद रेनकोट अथवा कारके कव्हर्स तैयार करने के काम सहज सीख सकते हैं। कम भांडवल में ग्रामीण अथवा शहरी बेरोजगार थोडी-सी जगह में व्यवसाय शुरू करके अच्छी कमाई कर सकता हैं।
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मार्केट :
हमारे देश में किसी भी राज्य में (भाग में) ग्रामीण अथवा शहरी भाग में कहीं भी यह व्यवसाय शुरू किया तो आसपास ही बहुत बडी मार्केट उपलब्ध हैं। वाहनों के कव्हर्स बिक्री के लिए रास्ते के पास छोटा-सा दूकान अथवा स्टॉल लगाकर भी बिक्री कर सकते हैं। उसके साथ ही होलसेल व्यापारी, कपडे की दुकानें, सुपर मार्केटस्, मॉल इन स्थानों पर भी रेनकोट अथवा कार कव्हर्स बेचे जाते हैं। बिक्री प्रतिनिधी नियुक्त करके कार-कव्हर्स भीड के स्थानों पर वाहनों के तल, पार्किंग व्यवस्था ऐसे स्थानें पर मार्केटिंग करो।
गाडी के कव्हर्स के लिए गैरीजेस, शोरूम्स, सव्र्हींस सेंटर्स मालिकों को अच्छा मार्जिन देकर उनके पास भी बिक्री काऊंटर शुरू कर सकते हैं।
रॉ मटेरियल :
पॉलिथीन के आकर्षक रंगों के शीटस्, वॉटरप्रुफ प्लास्टीक कोटेड कपडा, धागा, बटन्स, चेन्स ऐसा कच्चा माल लगेगा।
मशिनरी :
इलैक्ट्रीक ही सिलींग मशिन, शिलाई मशिन, काजी-बटन लगाने के हिट प्रोसेस मशीन ऐसी मशिनरी और कटींग टेबल, टेलरिंग की सामग्री, औजारें ऐसा साहित्य लगेगा।