बिजली फिटींग सामग्री निर्मिती उद्योग ( How to setup electricity fitting manufacturing business)

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बिजली और बिजली का उपयोग हमारे देश में आज बडे प्रमाण में किया जाता हैं। माँग के अनुसार आपूर्ति यदि न हो तो भी बिजली का उपयोग करके ही बहुत-सी उत्पादने बनाई जाने के कारण लाईट फिटींग की सामग्री को बहुत ही माँग हैं। गाँवो देहातों में भी बिजली पहुँची हैं।

पारंपरिक बिजली निर्मिती के साथ ही बिजली की माँग में, दिनों दिन बढती जाने से अपारंपरिक स्रोतों से बिजली निर्मिती के बडे-बडे प्रकल्प हमारे देश में शुरू हो रहे हैं। नदीपर धरनें बाँधकर बिजली निर्मिती की आपूर्ती करना संभव न होने से पवनचक्कियाँ, अणु-ऊर्जा जैसे माध्यमों के साथ ही कारखाने के टाकाऊ (फेंकने लायक) पदार्थों से भी बिजली निर्मिती कर सकने के कारण सरकारने ऐसे निजि विद्युतनिर्मिती प्रकल्पों को इजाजत दी हैं।

हर घर में प्रकाश के साथ ही विविध विद्युत उपकरनों का उपयोग किया जाता हैं, वैसे ही कंपनी कारखानें और बडी-बडी शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मॉल्स, कंपनियाँ, कारखाने यहाँ भी बिजली का उपयोग पंखा, ट्युबलाईटस्, एअर कंडीशनर, कुलर्स, फ्रीज इनके लिए बिजली का उपयोग किया जाता है। उपयोग में लाए जानेवाले उपकरनों तक बिजली का प्रवाह ले जाने के लिए, बिजली के विद्युतवाहक तार और वायर्स इन्हें प्लास्टिक के लाईट फिटींग के सामग्री से लाईट फिटींग करके लेना पड़ता हैं।

हमारे घर में भी बिजली के मीटर से बल्ब, ट्युबलाईट, एसी, कुलर, फ्रिज तक बिजली ले जाने के लिए लाईट फिटींग किया जाता हैं। बँकेलाईट के विद्युत रोधक प्लास्टिक से ऐसी फिटींग की सामग्री बनाई जाती हैं। फिटींग के लिए लगनेवाली प्लास्टिक पट्टीयाँ, पाईप्स, बटनें, होल्डर, स्वीच, पीन्स ऐसी वस्तुएँ बनाने के लिए साँचों का उपयोग करना पड़ता हैं। प्लास्टिक पिघलाकर साँचे में डाला जाता हैं।

कार्बन स्टील से ऐसे साँचे तैयार किए जाते हैं। ऐसी फिटींग की सामग्री में जैसे स्वीच बोर्ड अथवा लाईट की बटने होती हैं उसमें स्प्रींग्ज, पीन, पेंच बिठाने पड़ते हैं। पीतल के धातु से तैयार की हुई ऐसी वस्तुएँ प्लास्टिक उपकरनों मे हँडप्रेस मशिनसे अथवा हाथ से बिठाए जाते हैं।

लाईट फिटींग की साम्रगी तैयार करते वक्त वह सामग्री उच्च दर्ज की तैयार कीजिए। बिजली का झटका लगकर मनुष्यहानि होने की संभावना होने से ऐसी वस्तुएँ तैयार करते उक्त अधिक फायदे के लाभ से (लालचसे) कम दर्जे की चिजें न बनाईए । ग्राहक भी आज चतुर, समझदार होने से आपका ब्रँड और उस माल की सुरक्षितता जाँचकर ही चीजें खरीद लेने के कारण उच्च दर्जे के माल की निर्मिती करके अपने विशिष्ट नाम का ट्रेडमार्क और ब्रँड बनवाईए ।

लाईट फिटींग सामग्री की दिनोंदिन माँग बढ़ने से नवउद्योजकों ने तंत्रशुद्ध प्रशिक्षण लेकर यदि उत्पादन शुरू किया तो भविष्य में उत्पादन और बिक्री का विस्तार बढेगा।

मार्केट :

हर घर में लाईट फिटींग यह करनी ही पड़ती हैं। एक बार लाईट फिटींग करने के बाद छोटी-बडी दुरुस्तीयाँ (मरम्मतें) और फिटींग सामग्री का टूटना-ष्टना इसी कारण ग्राहक लाईट फिटींग सामग्री खरीदने के लिए बार-बार आने की संभावना होती हैं। इसलिए उत्पादन ब्रँडेड बनाईए । बडी-बडी ऊँची इमारतों को बहुत-सी लाईट फिटींग की सामग्री लगती हैं। बिल्डर, इंजिनियर, कॉन्ट्रॅक्टर इनसे मिलकर उन्हें जो चाहिए उस क्वालिटी का लाईट फिटींग साहित्य तैयार करके दे सकते हैं।

लाईट फिटींग का साहित्य बेचनेवाले होलसेल व्यापारी हैं। उनसे ऑर्डर लेकर माल दे सकते हैं। शहर में और गाँव में भी इलैक्टिकल की छोटी-बड़ीं दूकानें होती हैं। अपना माल हम टेम्पो से ले जाकर प्रत्यक्ष उनके काऊंटर पर दे सकेंगे।

रॉ मटेरियल :

युरीया फारमल्डीहाईड, फेनॉल फारमल्डीहाईड, बेकेलाईट प्लास्टीक, स्प्रिंग, पीन्स, पेंच, छोटे स्क्रू, नटस् आदि कच्चा माल लगेगा।

मशिनरी :

मेकॅनिकल मोल्डींग प्रेस मशिन, कार्बन स्टील साँचे, हायड्रोलिक प्रेस मशिन अथवा हँडप्रेस मशिन आदि मशिनरी लगती हैं।

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