बिजली कटौती के कारण देश के अधिकतर गाँवो में रात को अंधेरा ही होता हैं। माँग की अपेक्षा बिजली की आपूर्ति और निर्मिती कम होने से चौबीस घंटे बिजली की आपूर्ति ठीक तरह से शुरु रहेगी ऐसी संभावना कम-से-कम नजदिक के काल में तो दिखाई नहीं देगी । दीया बत्ती के लिए घासलेट तो खुले बाजार में मिलता ही नहीं और राशन दूकान में मिलनेवाला घासलेट तो पर्याप्त नहीं होता।
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मोमबत्तीयो कि जरुरत कहाँ–कहाँ पडती है?
मोमबत्ती यह आज गाँव और शहर इन दो भागों में अत्यंत जरुरी की चीज हैं । विविध धार्मिक कार्यों में भी मोमबत्ती का उपयोग किया जाता हैं।
बच्चों के जन्मदिन, कैंडल लाईट डिनर, मृत व्यक्तियों को श्रध्दांजली अर्पित करने के लिए ऐसे विविध कामों के लिए मोमबत्ती का उपयोग भारत में ही नही तो पूरे दुनिया में प्राचिन काल से (पूर्वापार) किया जाता हैं। बिजली (लाईट) जाने के बाद प्रकाश के लिए ग्रामीण और शहरी ऐसे सभी घरों में हर एक को मोमबत्ती की जरुरत हैं।
मोमबत्तीयो कि माँग और मोम का उपयोग ?
ग्रामीण शहरी सभी प्रकार के घरों में अपना ग्राहक उपलब्ध हैं । मोमबत्ती उपयोग करने पर खत्म होनेवाली वस्तु होने से पहले मोमबत्ती खरीदी करने वाला ग्राहक फिर से खरीदने के लिए आता हैं।
इसलिए सदा ही माँग रहती हैं। माँग बारहों महिने होने से उत्पादन और बिक्री शृंखला में सातत्य रहता हैं। मोम का उपयोग सिर्फ मोमबत्ती बनाने के लिए न होकर विविध गिफ्ट आर्टिकल्स् बनाने के लिए होता हैं।
मोमबत्ती को कैसे बनाया जाता है?
उत्पादनं करना वैसे बहुत-सा कठीन नहीं हैं । एक – दो दिनों का ट्रेनिंग लिया तो भी मोमबत्ती उद्योग शुरु कर सकते हैं। मोमबत्ती का उत्पादन करने के बाद तैयार हुआ माल सुनियोजित प्रणाली के द्वारा बेचना बहुत ही महत्वपूर्ण हैं ।
गरमी के दिनों में तापमान बढ़ने पर तैयार किए हुए माल को कम तापमान में रखना पड़ता हैं। अधिक तापमान के कारण तैयार मोमबत्तियाँ टेढ़ी-मेढ़ी हो सकती हैं। अथवा मोम पिघल सकता है।
इसलिए अच्छे दर्जे के मोम का उपयोग करके उत्पादित माल के लिए कम तापमान का स्टोअर उपयोग में लाना पड़ेगा। बाजार में विविध आकारों की, रंगो की, डिझाईन की मोमबत्तियाँ हमें बिक्री के लिए रखी हुई दिखाई देती हैं।
मोमबत्ती व्यवसाय में उत्पादन और बिक्री में स्पर्धा यदि अधिक हो तो भी उस प्रमाण में ग्राहक और मार्केट भी उपलब्ध हैं। मोमबत्ती तैयार करने के लिए अधिकतर चायना मोम उपयोग में लाया जाता हैं।
कच्चा मोम बड़े बर्तन में लेकर वह गैस पर रखकर पिघलाया जाता है। मोम पिघलने के बाद मोमबत्ती के साँचे में आवश्यकता के अनुसार नाड़ी-डोर छोडिए। उसके बाद सभी साँचों में पिघला हुआ मोम डालिए । मोम का साँचा ठंडा होने के लिए वह ठंडे पानी की टप में थोड़ी देर रखिए ।
साँचा ठंडा होने के बाद मोमबत्तियाँ बाहर निकालकर जरूरत के अनुसार उसे जिलेटीन कागज चिपकाईएँ । बाजार में जैसी माँग होंगी उसके पाँच, दस, एक, दो रुपयों की मोमबत्तियाँ तैयार करो।
उत्पादन के बाद मार्केटिंग कैसे करे?
हर घर की जरुरत होने से वैसे अपना ग्राहक हर घर में उपलब्ध हैं। परंतु आप अपना उत्पादन कितने बड़े प्रमाण पर करेंगे इसपर आपकी वितरण-प्रणाली तय होगी।
गृहोउद्योग के रुप में यदि आपने व्यवसाय की शुरुवात की तो डोअर टू डोअर मार्केटींग में दोगुना नफा मिलता हैं । यह ध्यान में रखो । आपके माल का विज्ञापन आपको खुद ही करने आता हैं।
उसके साथ ही बाजार में माल को कितनी माँग हैं, यह समझता हैं। उच्च दर्जे के माल की निर्मिती की तो ग्राहक और बाजार पेठ ढूँढ़नी नहीं पड़ती। होलसेल व्यापारीयों की ओर से ही आपके माल की बिक्री होती हैं।
आपके माल की गुणात्मकता दिखाओ। उन्हें ऑर्डर के अनुसार माल तैयार करके दे दो। इसके साथ ही स्टेशनरी दुकानें, पान की टपरियाँ, किराना माल की दुकाने, सुपर मार्केटस्, मॉल्स, यहाँ भी माल बेचो ।
माल का पैकींग करते वक्त अपना खुद का कोई ब्रांड बनाईएँ । ब्रांडनेम के अनुसार पैकींग करो । प्रकाश के लिए उपयोग में लाई जानेवाली मोमबत्तीयों के साथ खास कार्यक्रमों के लिए लगनेवाली सेंटेड मोमबतियाँ भी माँग के अनुसार उत्पादित करो।
मोमबतियाँ बनाने के लिये रॉ मटेरियल?
स्लॅक व्हाईट मोम, चायना मोम, इराक मोम, इराण मोम, कोरिया मोम, इंडोनिशिया मोम, ऐसे मोम के विविध प्रकार होलसेल व्यापारियों के पास मिलते हैं।
अॅल्युमिनियम के विविध आकार के साँचे, मोम गरम करने के लिए बड़े बड़े बर्तन, छुरी, धागे, नाड़ी, मोम पिघलाने के लिए गैस अथवा स्टोव्ह, सेंटेड मोमबत्तियों के लिए सुगंधी द्रव्ये, जिलेटीन पेपर, डाय ठंडी करने के लिए पानी और पानी का टप, पी. व्ही. सी. सोल्युशन आदि कच्चा माल और साधन-सामग्री लगती हैं।
FAQ
Q.1 इस व्यवसाय को करने के लिये कितने रुपये कि लागत आ सकती है?
4 से 5 लाखँ रुपये लगाकर इस व्यवसाय कि शुरुवात की जा सकती है।
Q.2 मोमबत्ती बनाने के लिए आवश्यक मशीन ?
मोमबत्ती को बनाने के लिए कैंडल मशीन की आवश्यकता होगी यह मशीन अलग अलग तरह की और अलग क्षमताओं की होती है. मोमबत्ती बनाने की मशीन बाजार में आपको आसानी से मिल जाएगी, मशीन के अनुसार इनकी कीमत 35,000 से 2 लाख तक की हो सकती है. उसकी कीमत उसके उत्पादन क्षमता के ऊपर निर्भर करती है. व्यापक रूप से तीन तरह की मोमबत्ती निर्माण की मशीनों को प्राप्त किया जाता है जो निम्न प्रकार से है :-
- मैनुअल मशीन : इसको ऑपरेट करना सहज होता है, इस मशीन के माध्यम से प्रति घंटे 1800 तक मोमबत्तियों का निर्माण किया जा सकता है.
- अर्द्ध स्वचालित मशीन : इस मशीन को संचालित करना आसान होता है इसमें मोमबत्तियों के आकार को सेट करने की सुविधा भी रहती है. यह मशीन तकनीकी रूप से बहुत उन्नत होती है इस मशीन में मोम को तुरंत ठंडा करने के लिए पानी का भी संचालन होता है.
- पूर्ण ऑटोमेटिक मशीन : इस मशीन के माध्यम से आप विभिन्न साईज जैसे की जन्मदिन में लगने वाली मोमबत्ती का आकार, चौकोर, गोल हर तरह की मोमबत्ती का निर्माण कर सकते है. इस मशीन के द्वारा प्रति मिनट 200 से 250 मोमबत्तियों का निर्माण किया जा सकता है. इसके अलावा आप तरह तरह के सांचे का भी इस्तेमाल कर अलग डिजाईन की मोमबत्ती का निर्माण कर सकते है.